
जबलपुर। समरसता सेवा संगठन के आयोजनों में सनातन की जो शक्ति नजर आती है, वो अद्भुत है। संहिष्णुता, एकता और भारतीयता के लिहाज से ये बहुत बड़ी सेवा और सफलता है, तदाशय के भाव-उद्गार संस्कारधानी में सामाजिक समरसता संगठन की संयोजना में वृहद रूप से मनाए गए ‘कजलियां महा मिलन महोत्सव’ में पधारे पूज्य संत वृंतो ने व्यक्त किए। पूज्य संतों ने कहा कि समरसता भारतीय संस्कृति की आत्मा है। समरसता के बगैर भारतीय समाज निष्प्राण है। समरसता सेवा संगठन ने समाज में समरसता के प्राण फूंक रहा है।
उल्लेखनीय है कि समरसता सेवा संगठन द्वारा सर्व समाज कि सहभागिता से समरसता कि भावना को जागृत करने वाले पर्व क़ज़ालिया को तीसरे वर्ष हनुमानताल में संस्कारधानी समरसता कजलिया महोत्सव के रूप में मनाया गया। संगठन के अध्यक्ष श्री संदीप जैन के आहवान पर जबलपुर के सभी समाजो ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सहभागिता दी। इस अवसर पर उपस्थित सर्व प्रथम एक दूसरे को कजलिया देकर संतो का मिलन हुआ उसके उपरांत मंच पर लगातार लाइन लगाकर उपस्थित जनसमुदाय ने संतो से कजलिया लेते हुए आशीर्वाद लिया।
कजलियां महोत्सव मेला के पारंपरिक स्थल हनुमानताल में आयोजित इस भव्य-दिव्य एवं गरिमामय समारोह को संतों-महंतों सहित प्रबुद्धजनों ने शुभकामनाएं दीं। सभी समाज के आगंतुक विद्वत जनों ने कहा कि हमारे त्यौहार समरसता और सद्भावना के प्रतीक हैं। इन पर्वो के आयोजन पर सभी जाति, वर्ग और समाज के लोग आपस में जुड़कर आपसी एकता का संचार करते हैं। कजलियां महापर्व भी इसी परंपरा से ओतप्रोत है।
जबलपुर ने रच दिया इतिहास
या कि ये त्यौहार आपसी मेलजोल की भावना को बढ़ाते हैं और आपसी सद्भाव एवं समरसता के प्रति आदर रखने की भावना को प्रबल करते हैं। ऐसे आयोजनों से समाज के लोगों में प्रेम, उल्लास और आनन्द का संचार होता है।
प्रज्वलित हो रहा समरसता का दीप
वक्ताओं ने कहा कि कजलियों के आयोजन ने समाज में समरसता का संदीप रोशन किया है। ये रोशनी आज समाज की मांग है। समरसता सेवा संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन ‘गुड्डा’ ने संतों के साथ कन्याओं का भी पूजन किया। इस मौके पर निबंध, मेंहदी सहित अन्य प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। स्वागत उद्बोधन में जैन ने कहा कि इस रूप में जो कजलियां मिलन दिख रहा है, उसमें सर्व समाज और जाति के लोगों का सहयोग है। ये सहयोग बताता है कि समरसता के प्रति किस तरह से जन जागरण को सफलता मिल रही है। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए आगंतुकों का आभार भी जताया।
किन्नर समाज हुआ शामिल
समरसता सेवा संगठन के ऐतिहासिक आयोजन में किन्नर समाज हीरा गुरु की अगुवाई में जुलुस के साथ सम्मिलित हुआ। इस अवसर पर शामिल किन्नर गुरुओ ने संस्कारधानी कजलिया महोत्सव के लिए संगठन को बधाई देते हुए संस्कारधानी वासियो के सुख समृद्धि की कामना करते हुए स्वछता बनाये रखने, बुजुर्गो की सेवा करने और समरस होकर रहने की कामना की।
पारम्परिक गीतों ने बंधा समां
समारोह का श्रीगणेश मां नर्मदा पूजन कर दीप प्रज्जवल से किया गया। वेद मंत्रोच्चार के बीच कजलियां पूजन की गई। इसके बाद संतों का पूजन-अर्चन किया गया। समारोह में मां नर्मदा अष्टक और स्वस्ति वाचन की समवेत प्रस्तुति, नर्मदा जी पर आधारित नृत्य नाटिका, कजरी, आल्हा, लोकगीत गायन सहित पारंपरिक नृत्य की मोनमोहनी प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर बुंदेलखंड के सुपरहिट लोकगीत गायक जित्तू खरे, प्रसिद्ध गायक मनीष अग्रवाल मोनी, मिठाईलाल चक्रवर्ती, रवि शुक्ला, नरेन्द्र राज, सविता मिश्रा, इंदु मिश्रा ने समां बांध दिया।
कजलियां भोज का अनूठा जायका
कजलियां महा महोत्सव में पारंपरिक स्वादिष्ट और जायकेदार खान-पान में भी सामाजिक सहभागिता रही, जिसमे जैन समाज द्वारा गुड़ की जलेबी और मोटे सेव, राजपूत समाज द्वारा , पंजाबी समाज एवं अग्रवाल समाज द्वारा पूड़ी सब्जी, सिंधी समाज द्वारा कढ़ी चावल, स्वर्णकार समाज द्वारा स्वीर कॉर्न, राजपूत सभा द्वारा जगन्नाथ का भात, चौरसिया समाज द्वारा मुखवास पान, अखिल भारतीय कायस्थ सभा द्वारा पानी बड़ा, बारी समाज द्वारा चना जोर गरम, मांझी समाज द्वारा चना जोर, सोनकर समाज द्वारा खिचड़ी युवा रजक समाज द्वारा ठंडा जल का जायका आयोजन स्थल उपलब्ध कराया गया।
बच्चों-महिलाओं की प्रतियोगिता
इस अवसर पर बच्चों और महिलाओं के लिए प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जैन ने बताया कि दो वर्गों के छात्रों के लिए निर्धारित शब्दों में लिखकर लाए गए निबंध कार्यक्रम स्थल पर जमा किए गए। वहीं महिलाओं एवं बच्चों के लिए विविध वेषभूषा, हस्त निर्मित राखी सृजन, पूजा थाली सजावट की प्रतियोगिता रखी गई। सभी प्रतिभागियों की प्रतियोगिता परिणाम पर प्रस्तुति के आधार पर चयन समिति विचार करेगी। आयोजन समिति द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों प्रतियोगिताओं के 10-10 चयनित प्रतिभागियों को आगामी कार्यक्रम पर नगद पुरस्कृत किया जाएगा।
चाइल्ड जोन का बाल आनंद
इस अनूठे ‘कजलियां मिलन महोत्सव’ में बच्चे-बड़े, महिला-पुरुष सबकी सहभागिता रही। आयोजन संस्कारधानी की शास्वत एवं गौरवशाली परंपरा के अनुरूप हुआ। आयोजन स्थल पर बच्चों के लिए बने ‘चाइल्ड जोन’ की संयोजना में भगवत स्वरूप बााल आनंद की छटा देखते ही बन रही थी। बच्चों के पसंदीदा झूलों ने उन्हें खूब आकषित किया तो वहीं पारंपरिक जायकेदार व्यंजनों की खुशबू बड़ों को लुभाती रही।
संतों एवं प्रबुद्धजनों ने दी शुभकामनाएं
कजलियां महा महोत्सव में पूज्य स्वामी सुखानन्द द्वाराचार्य स्वामी राघवदेवाचार्य जी, नृसिंह पीठाधीश्वर जगद्गुरु डॉ. नरसिंहदेवाचार्य जी, स्वामी गिरीशानंद जी साकेतधाम, स्वामी अखिलेश्वरानंद जी, स्वामी राधे चैतन्य जी, जगद्गुरु बालगोविन्दा चार्य जी, स्वामी पगलानंद जी, स्वामी अशोकानंद जी, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी जी,महंत कालीनन्द जी, महंत राजेश्वरआनन्द जी, स्वामी चंद्रशेखरानन्द जी, पं वासुदेव शास्त्री, पं रोहित दुबे, पं देवेंद्र त्रिपाठी, पं अमन बाजपेई, पं आशुतोष दीक्षित, सहित अनेक संतवृंद महंत ने उपस्थित होकर अपने श्रद्धा शब्द सुमन से आशीर्वाचान किए। वहीं सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर अन्नू, विधायक सुशील तिवारी इंदू, नीरज सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, ग्रामीण जिला अध्यक्ष राजकुमार पटेल, क़ृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पी के मिश्रा, वरिष्ठ नेता प्रभात साहू, विनोद गोंटिया, लेखराज सिंह मुन्ना, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, रविकिरण साहू, पूर्व मंत्री शरद जैन, अंचल सोनकर, नीलेश अवस्थी, धीरज पटेरिया, डॉ जितेंद्र जामदार, डॉ अखिलेश गुमस्ता डॉ पवन स्थापक, उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा, डॉ वाणी अहलुवालिया, कैलाश अग्रवाल बब्बा, कैलाशचंद्र जैन, राममूर्ति मिश्रा, एड सुधीर नायक, कमलेश अग्रवाल, सहित कई गणमान्य जनों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के समापन पर समरसता सेवा संगठन के सचिव उज्जवल पचौरी ने आभार व्यक्त किया।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में सनत जैन, कैलाश अग्रवाल बब्बा, कैलाशचंद्र जैन, कांग्रेस नेता दिनेश यादव, नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा, मुकेश राठौर, शरद चंद्र पालन, तारु खत्री, सुरेश सराफ, सीताराम सेन, संदीप विजन शरद काबरा, सुरेश भगचंदनी, जिला बार अध्यक्ष एड मनीष मिश्रा, सचिव ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, तारु खत्री, राजेश अग्रवाल गुड्ड, जगदीश चोहटल, अशोक नामदेव, मनप्रीत सिंह आनंद, प्रमोद पंडा, राधेश्याम साहू, मनोहर चौकसे, रामबाबू विश्वकर्मा, रमेश विश्वकर्मा, अनिल बारी, राजकुमार रजक, विवेक रजक, नितिन भाटिया, लेखराज सोनकर, सुधीर अग्रवाल, राजेश ठाकुर, दीपक कौसिक, प्रकाश चौरसिया, प्रनीत वर्मा, सुनील श्रीवास्तव, सहेन्द्र श्रीवास्तव, अनिल जैन, मोहन कश्यप सुजीत सोंधिया, गणेश सोंधिया, पूर्व पार्षद कविता रैकवार, पार्षद वर्षा सेन राममूर्ति मिश्रा, अरविन्द पाठक, एड सुधीर नायक, प्रवेश खेड़ा, कमलेश अग्रवाल, अभिजात कृष्ण त्रिपाठी, देवश्वरी मोदी, सुधा तिवारी, मीना दुबे, कृष्णा यादव, श्वेता सिंह , सारिका सेठ , सुधा तिवारी, दीपमाला सोनकर , रितु चौरसिया , प्रीति ताम्रकार, प्रीति गुप्ता ,आभा जैन , दीपा खरया, सरिता गुप्ता, डॉ गीता पाण्डेय, कविता त्रिपाठी , मंजू तिवारी , डॉ कल्पना मिश्रा, नीतू दुबे , श्वेता पाण्डेय , गीता गुरु , डॉ कंचन ढींगरा, कुसुम चौबे, कीर्ति किशोर ने शामिल होकर सहभागिता निभाई।